ख्वाहिशों के समुन्दर में,
एक लहर सी ने ली अंगड़ाई,
दूर सूरज को डूबता देख के,
उस माझी ने पुकार लगाई…..
कुछ लहरें हो रही थी उथल पुथल,
थोड़ी सी कश्ती भी डगमगायी….
आवाज़ की सरसराहट को देख,
धड़कनों ने भी दौड़ लगायी….
कुछ छूट सा रहा था जैसे,
सूरज की किरणों के साथ ढल रहा था ऐसे…..
दूर उस क्षितिज के समान,
इस प्यार का यही आधार है,
जैसे सागर को चूमता आसमान,
न मानो तो मिथ्या, मानो तो साकार है !!!
Photo by Cinthia Aguilar on Unsplash
Very beautifully expressed!
Thankyou so much 😊
A few words speaking a lot…… Expressed subtly but beautifully!
Thankyou very much 😊
Beautifull hindi poem.
Keep it up Minnie
Thankyou so much papa 😊😊
Apna apna sach,mano toh sunder ,na mano toh kewal shabd… beautiful expression and reflection of a sensitive heart accepting the reality.💕 Keep writing….yeh ehsas bahut sunder hai
Thankoso much 😊
Very nice.. keep it up
Thankyou so much😊